- भूमिगत जल को सिर्फ पेयजल के लिए उपयोग सुनिश्चित करने के दिए निर्दे
- ग्रीष्म ऋतु के दौरान ट्यूबवेल से पानी लेकर सिंचाई करने से भू-जल स्तर में आ रही कमी
- ग्रीष्म ऋतु में धान की फसल से भू-जल स्तर जा रहा नीचे
- जनसामान्य में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत
- जिले में बोरवेल के माध्यम से भू-जल का अत्यधिक दोहन किए जाने के कारण बन रही जल संकट की स्थिति
- कलेक्टर ने पीएचई विभाग के सभी मैदानी अमले एसडीओ, उप अभियंता, हैण्डपंप तकनीशियनों की ली बैठक
राजनांदगांव (BTI)- कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की सतत आपूर्ति के लिए आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सभी मैदानी अमले एसडीओ, उप अभियंता, हैण्डपंप तकनीशियनों की बैठक ली। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए जिले में पेयजल के संबंध में जानकारी ली तथा पेयजल की सतत आपूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मैदानी अमले को अलर्ट रहकर जिम्मेदारी के साथ बहुत अच्छा कार्य करने कहा। उन्होंने बिना अनुमति से लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को अवकाश पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले में लगातार भू-जल स्तर नीचे जा रहा है, जिससे पानी की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पानी के महत्व को बताते हुए जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है तथा किसानों को कम पानी उपयोग वाली फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें तथा अधिक से अधिक पौधरोपण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान ट्यूबवेल से पानी लेकर सिंचाई करने से भू-जल स्तर में बहुत कमी आ रही है, इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का कार्य अभियान की तरह करना होगा, तभी आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। जिससे ग्रीष्म ऋतु में पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। इसके लिए चिन्हांकित ग्रामों में जल समस्या समाधान शिविर, जल संगोष्ठी, फसल चक्र परिवर्तन, वृक्षारोपण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने भूमिगत जल को सिर्फ पेयजल के लिए उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए भू-जल के रिचार्ज हेतु जनसहयोग से 1000 इंजेक्शन वेल मशीनों का उपयोग ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में बोरवेल के माध्यम से भू-जल का अत्यधिक दोहन किए जाने के कारण जल संकट की स्थिति बन रही है। इसे दूर करने के लिए सबकी सहभागिता आवश्यक है। कलेक्टर ने सभी मैदानी अमले को जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत से निरंतर संपर्क रखने के निर्देश दिए। इसके लिए व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाने कहा। उन्होंने टोल फ्री 18002330008 नंबर में शिकायत प्राप्त होने पर यथाशीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। बैठक में कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री समीर शर्मा ने मैदानी अमलों से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में चालू और बंद हैण्डपंप के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने सभी ग्रामवार हैण्डपंपों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति का कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए। ग्रामीणों को हैण्डपंप में पानी नहीं आने के कारण को विस्तार से जानकारी देने कहा। इसके साथ ही जल संरक्षण के तरीकों के संबंध में जानकारी देने कहा। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ, उप अभियंता और हैण्डपंप तकनीशियन उपस्थित थे।