- कमजोर वर्ग तथा वंचित समूह के बच्चों की निर्बाध शिक्षा व्यवस्था की जा रही सुनिश्चित
- जिले में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना अंतर्गत कक्षा 1ली से 10वीं तक के बच्यों के लिए प्रदाय की जा रही नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक
- पहली से आठवीं तक बच्चों को मिल रहा नि:शुल्क गणवेश
- बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए नि:शुल्क सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत 6 हजार 538 पात्र बालिकाओं को मिला नि:शुल्क सायकल
- प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत 89 हजार 308 बच्चों को दिया जा रहा गर्म एवं पौष्टिक भोजन
- 6943 न्योता भोज से 4 लाख 44 हजार 821 बच्चे हुए शामिल

राजनांदगांव (BTI)- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा बच्चों के शिक्षा के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए अभिभावकों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसके लिए आवश्यक जतन किए गए हैं। शासन द्वारा बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से लोक व्यापीकरण एवं कमजोर वर्ग तथा वंचित समूह के बच्चों के साथ ही सभी विद्यार्थियों को निर्बाध शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक का वितरण किया जा रहा है। जिले में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना अंतर्गत कक्षा 1ली से 10वीं तक के सभी शासकीय, अशासकीय और अनुदान प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक प्रदान किया जा रहा है। इस तरह प्रारंभिक शिक्षा को लोकप्रिय बनाने तथा विद्यार्थियों में समानता का भाव लाने के लिए नि:शुल्क गणवेश प्रदाय योजना के तहत जिले के कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी शासकीय विद्यालय एवं मदरसे में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क गणवेश प्रदाय किया जा रहा है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए शासकीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में प्रथम बार प्रवेशित अनुसूचित जाति, जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओ को नि:शुल्क सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत सायकल प्रदान किया जा रहा है। शिक्षा सत्र 2024-25 में जिले के कुल 6 हजार 538 पात्र बालिकाओं को नि:शुल्क सायकल प्रदान किया गया है। शासन की इस योजना से बालिका शिक्षा में आशातीत वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत जिले के कुल 1206 शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 89 हजार 308 बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है। योजना के तहत मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य एवं योजना का संचालन महिला स्वसहायता समूह द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत 791 प्राथमिक स्तर के शालाओं में अध्ययनरत 52 हजार 576 बच्चे एवं 415 अपर प्राथमिक स्तर के शालाओं में अध्ययनरत 36 हजार 732 बच्चे मध्यान्ह भोजन से लाभान्वित हो रहे हंै। मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य 1206 महिला स्वसहायता समूह के 2644 रसोईयों द्वारा किया जाता है। अब तक जिले के विद्यालयों में 6 हजार 943 न्योता भोज का आयोजन किया गया है, जिसमें 4 लाख 44 हजार 821 बच्चे शामिल हुए है। पीएमश्री योजनांतर्गत जिले में 40 स्कूल को शामिल किया गया है, जहां बच्चों को गुणवत्ताापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। साथ ही बच्चों के पढऩे लिखने के लिए बेहतर अधोसंरचना एवं सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है।
जिले में संचालित 1336 विद्यालयों में तीन बार मेगा पालक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 34 हजार 289 पालक शामिल हुए। इसके तहत 771 प्राथमिक शाला में 16 हजार 756, 399 पूर्व माध्यमिक शाला में 9 हजार 837, 54 हाई स्कूल में 1 हजार 670 एवं 112 हायर सेकेण्डरी स्कूल में 6 हजार 26 अभिभावक मेगा पालक बैठक में शामिल हुए। जिले के 267 प्राथमिक शालाओं में आंगनबाड़ी केन्द्रों को बालवाड़ी के रूप में विकसित किया गया है। जहां 5 से 6 वर्ष के 1437 बच्चों को नई शिक्षा नीति के तहत खेल-खेल में मनोरंजक तरीके से अध्यापन कराया जा रहा है तथा शाला के एक कक्ष को प्रिटंरिच कर अध्यापन सुविधायुक्त बनाया गया है। केन्द्रों में संबंधित शाला के शिक्षक बच्चों के लिए प्रतिदिन 2 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।