- पारस वर्मा को नगर निगम अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने किया पुरष्कृत
- लगातार चार बार जीते और वह भी सर्वाधिक मतों से
- नगर निगम पटरीपार के हवाले
राजनांदगांव (BTI)- राजनांदगांव के श्रमिक बाहुल्य तुलसीपुर वार्ड में लगातार चौथी बार चुनाव जीतकर पार्षद बनने हैं वाले पारस वर्मा को उनकी पार्टी भाजपा ने बडा ईनाम दिया है। राजनांदगांव जैसे बहुप्रतिष्ठित नगर निगम के वे अब सभापति (अध्यक्ष) होंगे। लगातार चौथी बार बडे अंतर की जीत के खिलाडी की चुप्पी, शांत व गंभीर स्वभाव को भाजपा ने पढा और उसके प्रति न्याय करते हुए उनकी लोकप्रियता व पार्टी निष्ठा को परखते हुए उन्हे उसका उचित समय में उचित प्रसाद दिया है। वे इस बार भी सर्वाधिक मतों से जीतने वाले पार्षद बने हैं। इसके पूर्व में वे 2009 तथा 2014 में भी सबसे बडी जीत दर्ज कर चुके है।

यहां यह उल्लेखनीय कि नगर निगम अध्यक्ष के पद हेतु दावेदारों की सूची लंबी थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी में विगत कुछ सालों से जो अनुशासन का मांनदंड तय किया है उसके चलते भारतीय जनता पार्टी में लाबिंग सिस्टम लगभग समाप्त हुआ है और पार्टी का अंतिम निर्णय की मान्यता प्रबल हुई है।
इसी के चलते सबसे प्रबल दावेदारी में लगातार छह बार जीतने वाले लो प्रोफाइल एवं अपने क्षेत्र में और शहर में विशेष का गरीब वर्ग में लोकप्रिय माने जाने वाले शिव वर्मा सहित अन्य कई अलग-अलग विशेष योग्यता के वाले पार्षदों जैसे सैंकी बग्गा,आलोक श्रोती सहित अन्य लोगों के नाम भी संभावित सूची में चर्चित थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने पारस वर्मा को अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया जो सर्वमान्य रहा और इसे लेकर किसी प्रकार की किसी भी क्षेत्र में कोई विपरीत प्रतिक्रिया के लिए जगह नहीं रह गई और यह समझा जा रहा है कि प्रतिभा को सम्मान मिला और पारस वर्मा को सही समय में उनकी सही जगह मिली। भाजपा के तराजु और कसौटी दोनों में वे श्रेष्ठ साबित हुए।
ज्ञात होवे कि 2009 में भी जो विजय दर्ज की थी उसमें भी उन्होंने सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद 2014 में भी उन्होंने सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। 2019 में वे फिर भारी मतों से जीतकर पार्षद बने थे और अभी फिर 2025 में भी वे 2000 मतों से अपने निकटतम कांग्रेसी प्रतिद्वंदी को हराकर वे फिर से सर्वाधिक मतों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके है। वर्मा ने 2014 में रोहित बिसेन को 829 मतों से हराकर रिकार्ड बनाया था। इसके बाद 2009 में उन्होने 1400 मतों से जीत हासिल की थी।
पारस वर्मा अपने आप में एक निराले व्यक्तित्व के धनी है। वे गंभीर स्वभाव के मृदुभाषी पार्षद है। वे वार्ड की जनता का कोई भी कार्य करने में कभी पीछे नहीं रहते और उनके सुख दुःखा में हमेशा सहभागी रहते है। वे जल विभाग के चेयरमेन भी रह चुके है और शहर की विकट पेयजल समस्या की जटिलता को नजदीकी से देखा है।
जन सेवा और लोगों की मूलभूत सुविधाओं को हल करना हमेशा उनकी प्राथमिकता रही है। वार्ड वासियों के हर सुख दुख में काम आने वाले पारस वर्मा को जनता ने जिस प्रकार से हमेशा हाथों हाथ लिया है वह भी एक अपने आप में बहुत उदाहरण है क्योंकि हर कोई ऐसे ही लगातार चुनाव नहीं जीत जाता और वह भी इतने अधिक मतों से।
उनके नगर निगम के अध्यक्ष बनने पर शहर में व विशेषकर पटरीपार के वार्डों में बेहद खुशी और उत्सव जैसा माहौल है क्योंकि उनके अलावा महापौर मधुसूदन यादव भी उसी क्षेत्र के है और इस प्रकार से बोलचाल में कहा जा सकता है कि इस बार राजनांदगाँव नगर निगम को स्थानीय जनता ने पटरीपार के हवाले कर दिया गया है।