Published on: April 13, 2025
Location: Raipur, India
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज समीक्षा बैठक के दौरान कटघोरा लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज और 04 लौह अयस्क ब्लॉक्स के प्रीफर्ड बिडर आदेश सफल बोलीदाताओं को प्रदान किए। इसके साथ ही टिन खनिज के 03 भौमिकी प्रतिवेदन ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन हेतु भारत सरकार के कोयला मंत्रालय को सौंपा गया है। चूंकि टिन सामरिक महत्व का खनिज है, इसलिए खनिज अधिनियम के तहत इसके आवंटन का अधिकार भारत सरकार के खान मंत्रालय को है। प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर जिले अंतर्गत तीन ब्लॉक्स को चिन्हित किया गया है। इसमें ग्राम नेरली, जिला दंतेवाड़ा; ग्राम कुमा कोलेंग, जिला सुकमा; और ग्राम कुमा कोलेंग, जिला सुकमा एवं बस्तर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा भारत का पहला लिथियम ब्लॉक, ई-नीलामी के माध्यम से कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में माईकी साउथ माइनिंग प्रा. लि. को 76.05% की उच्चतम बोली के साथ आवंटित किया गया है।
इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा ई-ऑक्शन के माध्यम से दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों के कुल चार लौह अयस्क ब्लॉक्स के लिए उच्चतम बोलीदाताओं आर्सेलर मित्तल, रूंगटा सन्स और सागर स्टोन को आवंटित किया गया है।
लिथियम क्या है?
लिथियम एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Li और परमाणु क्रमांक 3 होता है। यह सबसे हल्की धातु है और एक क्षारीय धातु (Alkali Metal) वर्ग में आती है। यह चांदी जैसी चमकदार लेकिन बहुत ही नरम धातु होती है, जिसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
प्राकृतिक रूप में लिथियम कहाँ मिलता है?
लिथियम प्रायः दो रूपों में पाया जाता है:
- लिथियम ब्राइन (Lithium Brine) – खारे पानी की झीलों में, खासकर दक्षिण अमेरिका के “लिथियम ट्रायएंगल” (बोलीविया, चिली, अर्जेंटीना) में।
- कठोर चट्टानों में (Hard Rock) – जैसे स्पोड्यूमीन (Spodumene), जो चट्टानों से निकाला जाता है। भारत में छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक जैसे राज्यों में ऐसे स्रोत पाए गए हैं।
लिथियम का उपयोग कहाँ होता है?
1. लिथियम आयन बैटरी में
- यह इसका सबसे प्रमुख उपयोग है।
- मोबाइल फोन, लैपटॉप, कैमरा और विशेष रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में इस्तेमाल होता है।
- रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज (सौर व पवन ऊर्जा) के लिए भी जरूरी।
2. चिकित्सा में
- मानसिक बीमारियों जैसे बायपोलर डिसऑर्डर के इलाज में लिथियम साल्ट्स का उपयोग किया जाता है।
3. एयरोस्पेस और रक्षा
- मिसाइल, सैटेलाइट और हवाई जहाजों में इसका उपयोग होता है क्योंकि यह हल्का और ऊर्जा-सक्षम होता है।
लिथियम का रणनीतिक महत्व क्यों है?
- ऊर्जा सुरक्षा: इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी की दिशा में विश्वभर में हो रहे बदलाव के चलते लिथियम को “सफेद सोना” (White Gold) कहा जाने लगा है।
- आत्मनिर्भर भारत: भारत जैसे देश, जो लिथियम आयात करते हैं, उनके लिए घरेलू स्रोत मिलना एक रणनीतिक उपलब्धि है।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा: चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश लिथियम पर प्रभुत्व बना रहे हैं। भारत भी अब इस दौड़ में शामिल हो रहा है।
भारत और लिथियम: हाल की घटनाएं
- भारत का पहला लिथियम ब्लॉक छत्तीसगढ़ के कटघोरा क्षेत्र में खोजा गया और उसका कंपोजिट लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है।
- इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
निष्कर्ष
लिथियम केवल एक धातु नहीं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा क्रांति का आधार बन चुका है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों, स्मार्टफोन, सौर ऊर्जा संयंत्रों से लेकर अंतरिक्ष तकनीक तक – लिथियम का उपयोग हमें एक स्वच्छ, टिकाऊ और ऊर्जा सक्षम भविष्य की ओर ले जा रहा है।