Article- Shri Dharmendra Tiwari
रचनात्मकता की सीमा नहीं होती। अनादि काल से, रचनाकारों ने इस दुनिया को विकास की वो दिशा दी है, जिसने हमारा जीवन संवारा है। ऐसे अनेकों महान रचनात्मक विचार थे, जिन्होंने हमें
सभी वैश्विक सभ्यताओं में, एक आधुनिक सभ्य समाज के रूप में आकार दिया। हमारे पूर्वजों के रचनात्मक दृष्टिकोण ने न सिर्फ अंधकारमय युग से लेकर अब तक, अपना भविष्य संवारा बल्कि हमारी “आज की पीढ़ी का वर्तमान” भी। 21वीं सदी में बेबी बूमर्स पीढ़ी से लेकर GenZ (जेन जी) तक, हम जिस प्रगति का लाभ उठा रहे हैं, वो हमारे पूर्वजों की रचनात्मकता ही तो है। आज के इंटरनेट युग में यदि तकनीक से लैस रचनात्मक युवा सोच को कुशल अनुभवी पीढ़ी का दिग्दर्शन मिल जाय तो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मानव “बेहतर जीवन” जी सकेगा। इस लिहाज से, रचनाकारों की पहचान करना, उन्हें समसामयिक अनुभवी विद्वानों का कुशल मार्गदर्शन देना, पारम्परिक समझ साझा करना और रचनाकारों की उत्कृष्ट सामग्री, “क्रिएटिव कंटेंट” के लिए उन्हें बाजार उपलब्ध कराना, ये हर पीढ़ी के नीति निर्माताओं के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाता है।
आधुनिक इंटरनेट युग में, दुनिया की रचनात्मक संभावनाओं को युवा सोच के लिए खोलते हुए, भारत सचमुच रचनात्मकता की WAVES पर सवार है। वेव्स (विश्व दृश्य श्राव्य एवं मनोरंजन,
वर्ल्ड ऑडियो विज़ुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट), जो मुंबई में 1 से 4 मई तक हो रही है, में भारत का लक्ष्य है अपनी “क्रिएटिव सॉफ़्ट पावर” की शक्ति से दुनिया को एकजुट करना, जिससे हम सभी देशों के बीच आपसी सद्भाव बढ़ा सकें। वहीं, मीडिया और मनोरंजन उद्योग के स्तर पर, नई दिल्ली के हमारे नीति निर्माता WAVES 2025 के माध्यम से “रचनाकारों को जोड़ने” का भागीरथ कार्य देश की मनोरंजन राजधानी मुंबई में इस आयोजन के रूप में पहली बार कर रहे हैं। वेव्स न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के रचनाकारों के लिए एक शानदार अवसर है। इस समिट का व्यापक उद्देश्य है “कनेक्टिंग कंट्रीज, कनेक्टिंग क्रिएटर्स”।
चाहे वह प्राचीन काल से चला आ रहा योग एवं आयुर्वेद का भारतीय ब्रांड हो या बोलती फिल्मों के अस्तित्व में आने के बाद पिछले 100 वर्षों में बॉलीवुड का “मनोरंजक” संगीत, हमारे रचयिता या क्रिएटर्स, सभी पीढ़ियों के क्रिएटर्स के लिए ज्ञान को सुलभ कराते हुए दुनिया को आकार दे रहे हैं। इसी प्रकार से, दुनिया भर के क्रिएटर्स के लिए अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने और सही मायनों में स्वयं का भविष्य संवारने की खुद की रचनात्मक यात्रा में अपना नाम और यश कमाने हेतु वेव्स हम सभी के लिए एक शानदार अवसर है। फिल्में हों, संगीत हो, गेम्सन हों, कॉमिक्स हो या फिर शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी सेवा को अधिक किफायती बनाने के लिए तकनीकी नवाचार, क्रिएटर्स को मीडिया और मनोरंजन उद्योग को भविष्य में आकार देने की क्षमता रखने वाले उपकरण विकसित करके सदैव आगे बने रहने का “लाभकारी अवसर” #वेव्स 2025 का मंच प्रदान करता है। उच्च गुणवत्ता की रचनात्मक प्रतिभाओं की पहचान करने की दिशा में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। 32 ‘क्रिएट इन इंडिया, क्रिएट फॉर द वर्ल्ड’ चैलेंज के माध्यम से दुनिया भर से चुने गए करीब 750 शॉर्टलिस्टेड क्रिएटर्स अब मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में अपना जलवा दिखाएंगे। पूरा देश और दुनिया देखेगी, इन क्रिएटर्स के उन कामों को जो सही मायनों में नवाचार हैं। उद्योग जगत के विशेषज्ञों तथा बाजार के पेशेवरों द्वारा जूरी-आधारित चयन की प्रक्रिया के माध्यम से भारत सरकार द्वारा पहचाने गए क्रिएटर्स के बेहतरीन काम मीडिया के सामने आने लगे हैं, जिसमें अभिनव तरीकों का प्रयोग कर हमारे जीवन को बदलने की एक बड़ी क्षमता परिलक्षित होती है।
अगली बार जब आप पर्यटक के तौर पर पोर्ट ब्लेयर स्थित सेलुलर जेल जाएंगे, तो आपको स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर से बातचीत करने का बेहतरीन अनुभव प्राप्त् होगा। महज एक क्रिएटिव फर्म द्वारा इसे संभव बनाने के लिए अपने एक्सटेंडेड रियलिटी(XR) टैलेंट का इस्तेमाल किए जाने की बदौलत ऐसा होगा। वेव्सइ के वैश्विक मंच से क्रिएटर्स ऐतिहासिक गाथाओं व लोककथाओं का वर्णन करते हुए भारत या विदेश में अन्य ऐतिहासिक स्थलों तक भी खुद की पहुँच कायम करने की इच्छा शक्ति रखते हैं। अपने एक्सटेंडेड रियलिटी(XR) और वर्चुअल रियलिटी(VR), कौशल का प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ नए युवा बल्कि अनुभवी टेक्नोमेडिया कंपनियाँ दोनों को ही क्रमशः बाज़ार और मनोरंजक व रचनात्मक सामग्री वेव्स के मंच के माध्यम से मिल रही है। मीडिया व मनोरंजन जगत के साथ साथ देश दुनिया की स्ट्रीमिंग तथा प्रसारण जैसी तकनीक आधारित फर्म्स के लिए भी भविष्य के अनोखे क्रिएटर्स की परख मील का पत्थर है।
क्रिएटर्स की एक और टीम ने हमारी ऑनलाइन खरीददारी में वास्तविक दुनिया के वाणिज्य का अहसास देने के लिए वीआर का उपयोग किया है, ताकि आप को मात्र कुछ तस्वीरों से उत्पाद का त्रिविमीय अनुभव कराया जा सके। प्रौद्योगिकी से प्रेरित एक अन्य क्रिएटिव प्रतियोगी कम्पनी ने योगाभ्या्स करने वालों की दोषपूर्ण मुद्राओं के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ताी समाधान के रूप में एक्स आर का उपयोग करके फिटनेस फ्रीक लोगों की योग मुद्राओं को दुरुस्ता करने का एक समाधान, पोज़पर्फेक्ट , निकाला है। ये क्रिएटिव प्रयास है, जो वास्तविक समय की एक समस्या है का समाधान देकर आपकी हमारी जीवनशैली सुधारता है। उचित सहायता और मार्गदर्शन के साथ युवा रचनात्मकता भारत को वर्ल्डग कॉन्टें ट हब के रूप में स्थापित कर सकती है। हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ा सकती है। साथ ही वेव्स दुनिया भर में रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘क्रिएट इन इंडिया, क्रिएट फॉर द वर्ल्डम’ के विजन को वेव्स के माध्यम से साकार किया जा सकता है।
भारत के दूरदराज के इलाकों के कोडर भी वेव्स के तहत सीआईसी चैलेंज से लाभान्वित हो रहे हैं। वेव्स् के मंच पर अपने कोडिंग कौशल की पहचान की बदौलत कश्मीर के एक 16 वर्षीय लड़के ने खुद का स्टार्टअप बनाने के सपनों को आकार देना शुरू कर दिया है। ये सिर्फ कश्मीर के एक युवा की कहानी नहीं है, बल्कि दुनिया भर में अनेक क्रिएटिव युवा हैं, जो वेव्सश के टैलेंट हंट फोरम, क्रिएटोस्फेयर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करके अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कलात्मक सृजन के साथ प्रौद्योगिकी का संगम अपने चरम पर होने के कारण मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में अपनी सॉफ्ट पावर के माध्यम से आने वाले समय में भारत रचनात्मक कंटेंट सृजन की वैश्विक क्रांति में नेतृत्व कर सकता है।
हमारी कहानी सुनाने की एक समृद्ध विरासत है जिसमें यदि कोडिंग का कौशल भी मिल जाय तो हम भारतीय अपनी रचना को न केवल पारंपरिक रूप से उत्कृष्ट, बल्कि नैतिक रूप से भी मनोरंजक के साथ शिक्षाप्रद बना सकते हैं। वह भी एक ऐसे समय में जब पारंपरिक ज्ञान व आधुनिक तकनीक को सभी को सुलभ कराने के लिए सच बोलना बहुत महत्वपूर्ण है। वेव्सय दुनिया के सामने यह दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है कि क्रिएटर्स ने किस प्रकार से सभी पीढ़ियों में मानवीय समझ को कुशाग्र बनाया है। इसलिए चाहे रील मेकिंग प्रतियोगिता हो या टेल द ट्रूथ हैकथॉन, रचनात्मकता के सभी स्वरूपों में सृजनात्मक प्रतिभा की पहचान अनिवार्य है। शीर्ष कॉमिक निर्माताओं की क्रिएटिव कॉमिक एनीमेशन वेव्स के माध्यम से इन दिनों मीडिया में क्रिएटिव वेव्सव बना रही है। शास्त्रीय संगीत की दुनिया में भी, दूरदर्शन पर दिल्ली घराने का टैलेंट हंट शो, “वाह उस्ताद” रचनात्मकता के पारंपरिक स्वरूपों को पुनर्जीवित कर रहा है।इसके अलावा, अगर हमारी आधुनिक जेन जी पीढ़ी के क्रिएटर बच्चों की बात करें जो अपने मोबाइल ऐप पर पियानो या कोई अन्य संगीत वाद्ययंत्र बजाते हैं, तो इलेक्ट्रॉनिक डांस और म्यूजिक एंड डीजेइंग कॉम्पिटिशन (ईडीएम) भी नए दौर के प्रतिभाशाली क्रिएटर्स को आकर्षित कर रहा है। भारत दुनिया भर के लगभग 160 देशों से संपर्क कर चुका है, ताकि वे अगले महीने आयोजित होने वाले क्रिएट इन इंडिया चैलेंजेस के सीजन 1 के ग्रैंड फिनाले के दौरान दुनिया के शीर्ष क्रिएटर्स द्वारा पहचाने ग्लो बल क्रिएटिव टेलेंट को देख सकें।
पहला वेव्स समिट मीडिया और मनोरंजन (एमएंडई) क्षेत्र के लिए एक उपलब्धि है। यह ऐतिहासिक समिट ग्लोवबल लीडर्स, मीडिया पेशेवरों, कलाकारों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के हितधारकों को एक साथ लाएगा। यह समिट भारत को दुनिया का कॉन्टेंाट हब बनने की दिशा में प्रयास है। रचनात्मक क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर भी इस समिट में खुले मन से चर्चा होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग, डीपफेक की समस्या जिसमें चित्रों व आवाज में फेरबदली की जाती है जैसी कई समस्याओं पर निदान निकालने के लिए भारत ‘वेव्स डिक्लेरेशन’ की पहल करेगा। गलत सूचना का खतरा और अनुभवी पारंपरिक मीडिया की स्थिरता जैसे वास्तविक समाधान भी वैश्विक मीडिया संवाद की विषय वस्तु के रूप में उभर कर सामने आ सकते हैं। अपनी तरह के पहले आयोजन के रूप में, वेव्स 2025 इन मुद्दों पर विमर्श करेगा और ऐसे समाधान तलाशेगा, जो सांस्कृतिक विविधता, नवाचार और मीडिया प्लेटफ़ॉर्म तक समान पहुँच को बढ़ावा दें। वेव्स 2025 केवल एक समिट मात्र नहीं है; अपितु यह एक अधिक सम्बयद्ध, रचनात्मक और सहयोगपूर्ण दुनिया के लिए एक विजन भी है।